क्या निदान है

दुख-दर्द के सताये लोगों का हुजूम फिर पूछता आखिर क्या निदान है
ख्वाब के खलिहान में कोहराम है हर बात पर इशारा संविधान है

कोई टिप्पणी नहीं: