दुखद है

प्रफुल्ल कोलख्यान Prafulla Kolkhyan

दुखद है जज्वात का इस तरह किताब बनकर रह जाना
दुखद है मेरी बात का इस तरह जवाब बनकर रह जाना 
दुखद है मुस्कान का इस तरह अदाव बनकर रह जाना
दुखद है सोच का इस तरह विखराव बनकर रह जाना 
दुखद है हुकूमत का इस तरह लाजवाब बनकर रह जाना
दुखद है उजालों का इस तरह खिजाब बनकर रह जाना 
दुखद है हर नीति का इस तरह हिजाब बनकर रह जाना
दुखद है मेरी बात का इस तरह जवाब बनकर रह जाना



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राजेश राज "दुखद है मुस्कान का इस तरह अदाव बनकर रह जाना दुखद है सोच का इस तरह विखराव बनकर रह जाना"--बहुत ही दमदार।
4 अक्टूबर को 02:50 अपराह्न बजे · नापसंद · 1

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